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भारत के प्रमुख शेयर मार्केट इंडेक्स:

Sensex BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के टॉप 30 कंपनियों का इंडेक्स Nifty 50 NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) की टॉप 50 कंपनियों का इंडेक्स Bank Nifty टॉप बैंकिंग कंपनियों का इंडेक्स Nifty IT प्रमुख IT कंपनियों का इंडेक्स --- 📈 इंडेक्स कैसे काम करता है? मान लीजिए Sensex की शुरुआत 100 अंक से हुई थी। अगर आज Sensex 60,000 पर है, तो इसका मतलब है कि उसकी शुरुआत के मुकाबले अब बाज़ार 600 गुना ऊपर जा चुका है।

📊 शेयर मार्केट इंडेक्स की विशेषताएँ (Features of Stock Market Index)

1. बाजार का प्रतिनिधित्व करता है: इंडेक्स यह दिखाता है कि पूरा बाजार या कोई खास सेक्टर कैसा प्रदर्शन कर रहा है। 2. निवेशकों के लिए मार्गदर्शक: इंडेक्स देखकर निवेशक यह तय करते हैं कि बाजार में निवेश करना चाहिए या नहीं। 3. समान कंपनियों का समूह: एक इंडेक्स में उन कंपनियों को शामिल किया जाता है जो समान क्षेत्र (जैसे बैंकिंग, टेक्नोलॉजी, आदि) से जुड़ी होती हैं। 4. मूल्य में उतार-चढ़ाव: जब इंडेक्स ऊपर जाता है, तो इसका मतलब है कि अधिकतर कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ रही हैं, और जब इंडेक्स नीचे आता है, तो शेयर की कीमतें गिर रही होती हैं।

Index (इंडेक्स) क्या होता है?शेयर मार्केट में "Index" का मतलब होता है –

आसान भाषा में समझिए: जैसे स्कूल में परीक्षा में सब बच्चों के नंबर देखकर एक औसत निकाला जाता है, ताकि पता चले कि क्लास का प्रदर्शन कैसा है, वैसे ही शेयर बाजार में कुछ चुनिंदा कंपनियों को मिलाकर एक इंडेक्स बनाया जाता है, जिससे हमें पूरे बाजार की चाल (Market Trend) का अंदाज़ा होता है। --- उदाहरण: भारत में प्रमुख इंडेक्स: 1. Nifty 50 – NSE (National Stock Exchange) का इंडेक्स है – इसमें भारत की टॉप 50 कंपनियाँ शामिल होती हैं 2. Sensex (BSE Sensex) – BSE (Bombay Stock Exchange) का इंडेक्स है – इसमें टॉप 30 कंपनियाँ होती हैं

. ओवर-द-काउंटर मार्केट (OTC Market):

यह एक ऐसा बाजार होता है जहाँ शेयरों की ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज के बाहर होती है। इसमें ब्रोकर और डीलर आपस में सौदे करते हैं। मुख्य विशेषताएं: कम मान्यता प्राप्त कंपनियों के शेयर जोखिम थोड़ा अधिक विनियमन (regulation) कम होता है

11. शेयरों के प्रकार (Types of Shares),

शेयर मार्केट में ट्रेड होने वाले शेयर भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं: 1. इक्विटी शेयर (Equity Shares) सबसे सामान्य शेयर। कंपनी का मालिकाना हक देते हैं। लाभ/हानि कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। आमतौर पर यहीं पर सबसे ज़्यादा ट्रेडिंग होती है।

2. सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market)

यह वह बाजार है जहाँ पहले से जारी किए गए शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। यहाँ निवेशक आपस में शेयरों की ट्रेडिंग करते हैं। यह लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE (National Stock Exchange) या BSE (Bombay Stock Exchange) पर होता है। उदाहरण: अगर आपने पहले किसी कंपनी का शेयर खरीदा है और अब उसे किसी और को बेच रहे हैं, तो यह सेकेंडरी मार्केट में आता है।

🏛️ शेयर मार्केट के दो मुख्य प्रकार

1. प्राइमरी मार्केट (Primary Market).                            प्राइमरी मार्केट वह बाज़ार है जहाँ कंपनियाँ पहली बार अपने शेयर जारी करती हैं ताकि फंड (पैसा) जुटा सकें। इसे हम IPO (Initial Public Offering) भी कहते हैं। 📌 उदाहरण: मान लीजिए कोई कंपनी “XYZ Ltd.” है, जिसे व्यापार बढ़ाने के लिए ₹100 करोड़ चाहिए। वो अपने शेयर लोगों को पहली बार बेचती है यानी IPO लाती है — यही प्रक्रिया प्राइमरी मार्केट कहलाती है। ✅ प्राइमरी मार्केट की खास बातें: कंपनी और निवेशक के बीच सीधा लेन-देन एक बार ही होता है (IPO के समय) इसमें Risk थोड़ा कम होता है